उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। यह आयोजन 14 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा और इसके लिए विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाएं बनाई जा रही हैं। इस बार महाकुंभ 2012 के मुकाबले तीन गुना बड़ा होने की उम्मीद है, जिसमें लगभग 40 से 45 करोड़ लोग शामिल हो सकते हैं। महाकुंभ के आयोजन के लिए 4,000 हेक्टेयर में तैयारियां चल रही हैं, जो गंगा के किनारे बने एक विशाल क्षेत्र में होगा।
महाकुंभ में पानी की आपूर्ति के लिए 1,249 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना को उत्तर प्रदेश जल निगम (शहरी) द्वारा 40 करोड़ रुपये की लागत से लागू किया जा रहा है, और इसे 30 नवंबर 2024 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह पाइपलाइन नेटवर्क संगम क्षेत्र से लेकर परेड ग्राउंड, फाफामऊ, अरिल और झूंसी तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
इस बार महाकुंभ क्षेत्र का आकार पहले के आयोजनों से बड़ा होने के कारण, पानी की आपूर्ति को लेकर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। लगभग 56,000 जल कनेक्शन सड़कों के किनारे अखाड़ा शिविरों और प्रशासनिक टेंटों के पास लगाए जाएंगे। पानी की आपूर्ति 85 ट्यूबवेल्स और 30 जनरेटरों के माध्यम से की जाएगी, जो पंपिंग स्टेशनों से जुड़े होंगे। जल निगम के अभियंता और कर्मचारी मेले के क्षेत्र में विभिन्न सेक्टरों में काम की निगरानी के लिए तैनात रहेंगे।
महाकुंभ 2025 का आयोजन ऐतिहासिक होगा, और इसका अनुमानित बजट 6,382 करोड़ रुपये है। इसमें से 5,600 करोड़ रुपये पहले ही आयोजन और संबंधित परियोजनाओं के लिए निर्धारित किए जा चुके हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि इसके माध्यम से प्रयागराज और उत्तर प्रदेश का पर्यटन और बुनियादी ढांचा भी बेहतर होगा।