मणिपुर में पिछले सप्ताह संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने छह लोगों की हत्या कर दी, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। यह घटना जिरीबाम जिले में एक नदी के पास हुई, जहां उनके शव बरामद किए गए। इस जघन्य हत्या पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने गहरी नाराजगी और दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
बीरेन सिंह ने इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध बताया और कहा कि ऐसी बर्बरतापूर्ण हरकतें किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकतीं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि सरकार आतंकवादियों की तलाश में लगी है और उन्हें शीघ्र न्याय दिलवाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि तब तक राज्य सरकार चैन से नहीं बैठेगी जब तक हत्यारों को उनके कृत्य के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता।
मणिपुर में करीब 18 महीनों से जातीय संघर्ष जारी है, जो अब भी हिंसा का रूप लेता जा रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने छह इलाकों में विशेष सुरक्षा अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू किया है, जो पहले हटा लिया गया था। इस स्थिति के कारण इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं।
मृतक छह लोग 11 नवंबर से जिरीबाम स्थित विस्थापितों के शिविर से लापता थे, जो आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद स्थापित किया गया था। इस मुठभेड़ में 10 विद्रोही मारे गए थे, और इसके बाद ही ये छह लोग गायब हो गए थे।