पतंजलि विज्ञापन मामला: रामदेव और बालकृष्ण ने दायर किया ‘झूठा हलफनामा’, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम फ़ैसला करेंगे

Date:

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण की बिना शर्त माफी वाले हलफनामों को ये कहते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि दोनों ने ‘ग़लती पकड़े जाने पर’ क्षमा मांगी है.

रामदेव और बालकृष्ण ने ये माफीनामा ‘गुमराह करने वाले’ विज्ञापनों को जारी करने के मुद्दे पर दायर किया था.

अदालत ने इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठाने के लिए उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को भी सख़्त फटकार लगाई और कहा कि वो इसे हल्के में नहीं लेने जा रहे हैं.

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा, “हम आपसे इसका हिसाब लेंगे.”

सुप्रीम कोर्ट का इतनी सख़्ती से नाराज़गी जताने को विश्लेषक सामान्य घटना नहीं बता रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कारण बताओ नोटिस जारी करने और अदालत के समक्ष हाजिर होने के निर्देश के बाद रामदेव और बालकृष्ण ने हालात से बच निकलने की कोशिश की जहां उनका उपस्थित होना ज़रूरी था. अदालत ने कहा कि ये किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अदालत ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों को सज़ा देने पर वो विचार कर रही है. हालांकि इस संबंध में कोई आदेश तो नहीं जारी किया गया लेकिन पतंजलि और उत्तराखंड की राज्य सरकार के ख़िलाफ़ सख़्त टिप्पणियां ज़रूर की गईं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के हलफनामों को लेकर अदालत का ये मानना है कि वे अपनी पेशी से बचने की कोशिश कर रहे थे.

शीर्ष अदालत से किए गए वादे के बावजूद पतंजलि ने अपने विज्ञापन जारी रखे हुए थे जिसके लिए दोनों ने बिना शर्त माफी मांगते हुए नए हलफनामे दायर किए थे.

इससे पहले के हलफनामे में दोनों ने अदालत से सुनवाई के दौरान निजी उपस्थिति से छूट मांगी थी.

रामदेव और बालकृष्ण ने ये कहते हुए अदालत से रियायत मांगी थी कि सुनवाई के दौरान उनकी यात्रा का कार्यक्रम है.

अदालत ने कहा, “तथ्य तो ये है कि जब हलफ़नामे पर शपथ लिया गया तो ऐसा कोई टिकट अस्तित्व में नहीं था. उन्होंने बाद में हलफनामे के साथ टिकट नत्थी किया.”

सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, “हम इस माफी से संतुष्ट नहीं हैं. शपथ लेकर झूठ बोलने का अपराध हुआ है. हम अब इस पर फ़ैसला करेंगे.”

पतंजलि के विज्ञापनों और उसके बाद दायर किए गए माफीनामे पर जस्टिस कोहली ने कहा, “हम माफीनामा कबूल करने से इनकार करते हैं. ये अदालत के आदेश की मर्जी से की गई अवहेलना है.”

इस केस में रामदेव और बालकृष्ण का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल जनता से भी माफी मांगने के लिए तैयार हैं.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने पतंजलि को बिना शर्त माफी मांगने की सलाह दी थी.

लेकिन अदालत ने इन दलीलों पर गौर नहीं किया. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख़ 16 अप्रैल तय की है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

EC should not forget they are country’s EC not of Modi:-Rahul Gandhi

December 14:- Congress leader Rahul Gandhi on Sunday asserted...

Nitin Nabin appointed BJP’s National Working President

The Bharatiya Janata Party (BJP) on Sunday announced the...

NCR Pollution Worsens, Air Quality Turns Severe

The national capital, Delhi, on Sunday woke up under...

Goa Nightclub Fire! 5 arrested including Manager

A magisterial inquiry committee probing the devastating fire at...