Amritsar-Jamnagar Expressway : देश में एक ऐसा अनोखा एक्सप्रेसवे बन रहा है, जो थार रेगिस्तान के बीच से गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे पर चलने वालों को करीब 650 किलोमीटर तक सिर्फ रेत ही रेत दिखाई देगी. इसका ज्यादातर काम खत्म हो चुका है और माना जा रहा कि इस साल दिसंबर तक यह पूरा हो जाएगा.
नई दिल्ली. देश में एक से बढ़कर एक हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं. इसमें से एक एक्सप्रेसवे ऐसा है, जो सबसे मुश्किल जगहों से गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रेगिस्तान थार से गुजरेगा और करीब 650 किलोमीटर तक दोनों तरफ आपको सिर्फ रेत ही रेत दिखाई देगी. यह एक्सप्रेसवे देश का दूसरा सबसे लंबा रास्ता भी माना जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इसका ज्यादातर काम पूरा कर लिया है और इस साल दिसंबर तक इसके शुरू होने का अनुमान है.
हम जिस रास्ते की बात कर रहे हैं वह अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे (Amritsar-Jamnagar Expressway) का ही हिस्सा है. यह एक्सप्रेसवे पंजाब से चलकर गुजरात तक जाता है और दोनों शहरों के बीच औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण करता है. इस एक्सप्रेसवे को तीन सेक्शन बनाया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजर रहा है, जो थार रेगिस्तान के बीच से बनाया जा रहा है. इस तरह कहा जा सकता है कि एनएचएआई इस बार रेगिस्तान का सीना चीरकर एक्सप्रेसवे बना रहा है.
क्यों मुश्किल माना जा रहा रास्ता
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,257 किलोमीटर है, जिसे 6 से 8 लेन का बनाया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा सेक्शन राजस्थान से गुजर रहा है. राजस्थान में यह हनुमानगढ़ जिले के सांगरिया टाउन से इंटर करता है और बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर को पार करते हुए जालौर जिले के सांचोर टाउन के पास खत्म होता है. इस पूरे रास्ते को पार करने में करीब 655 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसका अधिकतर हिस्सा रेगिस्तान से होकर गुजरता है. दरअसल, राजस्थान में सबसे ज्यादा रेगिस्तानी इलाके वाले 12 जिले हैं, जिसमें से 5 जिलों में से यह रास्ता गुजर रहा है.
क्यों खास है यह एक्सप्रेसवे
पंजाब के अमृतसर से गुजरात के जामनगर तक जाने में अभी करीब 26 घंटे का समय लग जाता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह दूरी महज 12 से 13 घंटे में पूरी हो जाएगी. इतना ही नहीं अभी सिर्फ राजस्थान वाले सेक्शन को ही पार करने में 12 घंटे तक लग जाते हैं, जबकि एक्सप्रेसवे तैयार होने के बाद 12 घंटे में पूरा रास्ता ही खत्म हो जाएगा. राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा और गुजरात के भी कई जिलों से यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा.
पाकिस्तान बॉर्डर से गुजरेगा रास्ता
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे को पाकिस्तान सीमा के पास से बनाया जा रहा है. यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ इन दोनों औद्योगिक शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि गुजरात से कश्मीर तक जाने का रास्ता भी आसान कर देगा. दरअसल, इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा, जो अमृतसर के पास से निकल रहा है. इस तरह, गुजरात से चलकर अमृतसर के रास्ते कटरा और फिर कश्मीर तक सड़क मार्ग की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी. इसे बनाने पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा.